অনুবাদ কবিতা ১ঃ হিন্দি


কবিঃ কাত্যায়নী        

কাব্যগ্রন্থঃ সাত ভায়ের  মাঝে চম্পা (সাত ভাইয়ো কে বীচ চম্পা)

कवि कात्यायनी

काव्यग्रंथ:    सात भाइयों के बीच चम्पा



कविता में सीमा

साथी गण कहते हैं 'कविता की सीमा है'
गोर्की भी कहते थे
टॉल्स्ताय भी
ऐसे ही विचार रखते थे।
मुझको भी लगता है कभी-कभी,
महाकाव्य-से विराट जीवन को
कहने में, रचने में कविता की सीमा है।
लेकिन फिलहाल मुझे
ज्यादा यह लगता है
अपनी ही सीमा है।
जीवन को सार-सार गह लेना,
सह लेना
सत्त को निचोड़कर अमूर्तन में कह देना
बहुत कठिन लगता है।
कविता की सीमा यह
जीवन की सीमा से उपजी है।
अपनी ही सीमा की चिंता है,
उसे तोड़ देने की चिंता है!


কবিতার সীমা



বন্ধুরা বলে 'কবিতার সীমা আছে'
গোর্কিও বলতো
তলস্তয়
এমনটায় মনে করত।
আমারও মাঝে মাঝে মনে হয়
মহাকাব্যের থেকেও বিশাল জীবনকে
বলা, রচনার মধ্যেও কবিতার একটা সীমা আছে ।
কিন্তু ইদানীং আমার
আরো বেশি করে মনে হয়
আমাদেরও নিজস্ব সীমা রয়েছে।
জীবনের সারমর্ম গ্রহণ করা,
সহ্য করা
সত্য বিশ্লেষণ করে মূর্ত্য করা
খুব কঠিন।
এটাই হল কবিতার সীমা
এটি জীবনের সীমা দ্বারা প্রদান করা হয় ।
নিজেরই সীমা নিয়ে চিন্তিত,
তাকে ভাঙার জন্য চিন্তিত!


অনুবাদঃ অভিজিৎ ঘোষ

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